Brahamin Bhoj
ब्राह्मण भोज का महत्व
पृथ्वी में विधिवत डाला हुआ बीज सौ गुणा बढ़ता है और जल के अनुपात में खाई हुई औषधि सहस्त्रगुणी फलवती होती है इसी प्रकार अग्नि में डाली गई वस्तु वायु कणों में परिव्याप्त अनंत गुणी हो जाती है । इसी प्रकार देव पितर आदि प्राणियों तक पृथ्वी लोक से द्रव्य पहुंचाने के लिए अग्नि देव का माध्यम किया गया है । ब्राह्मण की अग्नि स्थानीय है अर्थात विराट के जिस मुख से अग्नि देव उत्पन्न हुआ। उसी मुख से ब्राह्मण की उत्पत्ति लिखी है। ब्राह्मण भोज का हमारे सनातन धर्म (हिंदू )अधिक महत्व दिया गया है। हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार ब्राह्मणों भोज से ही हमारे देवता एवं पितृ गणों को भोजन पहुंचाने के लिए माध्यम ब्राह्मणों को ही बनाया गया है । उन तक भोजन पहुंचाने के लिए ब्राह्मण से अधिक उत्तम और कौन हो सकता है। धर्म शास्त्र के अनुसार वायु रूप में स्वयं ब्राह्मण के साथ हमारे पूर्वज ही भोजन करते हैं । अर्थात ऐसी मान्यता है श्राद्ध वाले दिन हमारे पितर स्वयं ब्राह्मण के रूप में भोजन ग्रहण करने आते हैं। श्राद्ध का भोजन केवल खाने वाला ब्राह्मण ही अनुभव करता है । श्राद्ध में खाए हुए नाना प्रकार के भोजन व्यंजन ब्राह्मण का पारितोषक नहीं होता यदि ऐसा होता तो ब्राह्मण लगातार 16 दिनों तक प्रत्यक्ष माल उड़ाने वाले बलिष्ट और बलवान बन जाते हैं। परंतु इसके विपरीत यह है की श्राद्ध साथ खाने वाला ब्राह्मण अपने को केवल बोझा ढोने वाला सा अनुभव करता है खाया हुआ भोजन ब्राह्मण को प्राप्त न होकर सीधे पितरों को प्राप्त होता है। ब्राह्मण तो केवल माध्यम मात्र है।
Country of Manufacture : | India |
---|---|
Sold By : | Boon And Blessings Pvt Ltd |
Brand : | Online Path Puja |
State : | Uttar Pradesh |
City : | Varanasi |